भासा, संस्कृति के संवाहिका होथे, यदि भासा सिरा जाही, नंदा जाही त संस्कृति भी समाप्त हो जाही…
कोई भी मइनखे हो या पसु, पक्छी हो, चिनहारी वोखर भासा से ही होथे, हम वोखर चिनहारी वोखर भासा ले ही करथन । अलग-अलग प्रांत मँ अपन अपन मातृभासा होथे, जेन मातृभासा ल बच्चा मन अपन माँ के गर्भ से ही सीखकर आथे ।
महाभारत के अभिमन्यु…
महाभारत के अभिमन्यु हर सुभद्रा अऊ अर्जुन के संवाद गर्भ मँ रहकर ही सुने रहीस, जेमा अर्जुन चक्रव्यूह रचना कइसे करे जाथे, एखर गोठ बात करत रहीथे, फेर चक्रव्यूह ल कइसे तोड़के बाहिर आय, ए बात ल सुने के पहिली ही वोला नींद आ गे । तभे कौरव सेना द्वारा रचित चक्रव्यूह ल अभिमन्यु ह भेद नहीं पाइस अऊ युद्ध मँ वीरगति ल प्राप्त होइस...
सामाजिक कार्यकर्ता : श्रीमती लता राठौर : बिलासपुर छत्तीसगढ़

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