छत्तीसगढ़ी भाषा को छत्तीसगढ़ की मुख्य शासकीय कामकाजी भाषा बनाने के लिए प्रयासरत अधिवक्ता यामिनी मैथिल ने छत्तीसगढ़ी भाषा में अपने डिजिटल पेज की शुरवात करते हुए लिखा है…
संगवारी हो..!
“पढ़ई लिखई के जोती,
अंधियार दूर भगावय,
गाँव शहर चमक उठथे,
जब ज्ञान के दीप जगावय।”
छत्तीसगढ़ी में लिखी इन पक्तियों का अर्थ है:
शिक्षा का प्रकाश अंधकार मिटाता है;
जब ज्ञान के दीप जलते हैं,
तो गाँव और शहर चमक उठते हैं।
छत्तीसगढ़ी को महत्व दिलवाने के लिए आवश्यक है कि, शासकीय कामकाज और शिक्षा व्यवस्था में छत्तीसगढ़ी भाषा का अनिवार्य सुनिश्चित करवाया जाय लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि हमारा भी एक पेज छत्तीसगढ़ी भाषा में हो जिसके आधार पर हम अपनी मांग को व्यवहारिक स्वरूप दे सकें।
इसलिए निवेदन है कि, आपका भी एक छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखकर छत्तीसगढ़ी भाषा का विस्तार, प्रचार प्रसार अभियान में सहयोग दें।
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