जय जोहार संगवारी हो!
आज हमन एक बहुत जरूरी गोठ बात करे बर ऑन लाइन चर्चा करत हन –
हमर चर्चा के विषय हे श्रमिक मन के अधिकार अउ ओकर संरक्षण के। हमर छत्तीसगढ़ म लाखों मजदूर मन रोज मेहनत करत हवंय – खेत म, कारखाना म, सड़क म, अउ घर-घर म। फेर कई बेर ये मन अपन अधिकार ले अनजान रहिथें।
श्रमिक मन के अधिकार मतलब –
सही मजुरी, सुरक्षित काम के जगह, काम के समय के सीमा, अउ बीमा, पेंशन, छुट्टी जइसन सुविधा। सरकार मन ‘श्रम कानून’, ‘मजदूरी अधिनियम’, ‘ईएसआई’, ‘पीएफ’, अउ ‘बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स एक्ट’ जइसन कानून बनाय हवे – जेकर तहत मजदूर मन ला सुरक्षा मिलथे।
फेर संगवारी हो, अधिकार तबे मिलही जब हमन जागरूक होबो।
कई बेर ठेकेदार मन या मालिक मन नियम के उल्लंघन करथें – मजुरी काटथें, ओवरटाइम कराथें, सुरक्षा साधन नइ देवे। ए हालत म हमन ला आवाज उठाए ल परही – यूनियन बनाना, RTI लगाना, अउ श्रम विभाग म शिकायत करना, हमर अधिकार हरे।
हमर जिम्मेदारी हे के..!
हमन अपन संगवारी मन ला जागरूक करन – ओमन ला बतावन के काय काय अधिकार हे, अउ ओकर उपयोग कइसे कर सकथन। स्कूल, पंचायत, मोहल्ला म प्रशिक्षण देके, पोस्टर अउ वीडियो बनाके, हमन ये संदेश ला फैला सकथन।
अंत म,
हमन जम्मो संगवारी मन ला कहिबो – चलव, श्रमिक अधिकार के रक्षा बर एकजुट होव। जब मजदूर जाग जाहीं, तभे समाज म न्याय आही।

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